भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र में कई ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। tuhin kanta pandey भी उनमें से एक हैं। हाल ही में उन्हें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
इससे पहले वे भारत सरकार में वित्त सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी यह यात्रा कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरी हुई है। आइए, जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।
तुहिन कांत पांडेय कौन हैं?
तुहिन कांत पांडेय भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1987 बैच के अधिकारी हैं। वे ओडिशा कैडर से आते हैं और सार्वजनिक वित्त एवं नीति निर्माण में उनका गहरा अनुभव है।
उन्होंने अपनी शिक्षा पंजाब विश्वविद्यालय से पूरी की और इसके बाद ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए किया।
वित्त सचिव के रूप में उनकी भूमिका
तुहिन कांत पांडेय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वे निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव भी रहे, जहां उन्होंने कई बड़े विनिवेश सौदों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इसमें एयर इंडिया का निजीकरण और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ शामिल है, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम (IPO) था।
SEBI के नए चेयरमैन के रूप में उनकी नियुक्ति
फरवरी 2025 में सरकार ने तुहिन कांत पांडेय को सेबी का नया प्रमुख नियुक्त किया। वे माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जो सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन थीं। इस पद पर उनकी नियुक्ति भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि वे वित्तीय नीतियों और पूंजी बाजार के संचालन में गहरी समझ रखते हैं।
उनकी प्राथमिकताएँ क्या होंगी?
सेबी चेयरमैन के रूप में तुहिन कांत पांडेय की प्राथमिकता भारतीय शेयर बाजार को और अधिक पारदर्शी और निवेशकों के अनुकूल बनाना होगी। कुछ संभावित मुद्दे जिन पर वे ध्यान दे सकते हैं:
- निवेशकों की सुरक्षा – सेबी का मुख्य उद्देश्य हमेशा निवेशकों के हितों की रक्षा करना रहा है। पांडेय इस दिशा में नए नियम और नीतियाँ ला सकते हैं।
- विनिवेश और बाजार की स्थिरता – उन्होंने पहले भी विनिवेश के कई बड़े फैसले लिए हैं, जिससे बाजार में स्थिरता आई है। सेबी के प्रमुख के रूप में वे इस अनुभव का लाभ उठा सकते हैं।
- नए टेक्नोलॉजी आधारित समाधान – डिजिटल ट्रेडिंग और फिनटेक कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, वे टेक्नोलॉजी के माध्यम से बाजार में पारदर्शिता लाने पर जोर दे सकते हैं।
- इनसाइडर ट्रेडिंग और वित्तीय अनियमितताओं पर सख्ती – निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए बाजार में होने वाले गैर-कानूनी व्यापार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
सेबी के लिए उनके अनुभव का लाभ
तुहिन कांत पांडेय का प्रशासनिक अनुभव और वित्तीय मामलों की गहरी समझ उन्हें इस पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है। उन्होंने सरकारी विनिवेश कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किया है और वित्तीय क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Also Read
- Bonnie Blue: विवादों से भरा सफर
- Chhaava Movie Box Office Collection
- Aashiqui 3: कार्तिक आर्यन की फिल्म रिलीज़ डेट
- Realme P3x 5G: भारत में कीमत और फीचर्स